अनुशासन पर निबंध।

 अनुशासन :- 

अनुशासन का संधि - ''अनु + शासन'' अर्थात शासन के पीछे पीछे चलना ही अनुशासन है। अनुशासन की बातों का कहना ही क्या है - 

''अनुशासन हीन हो जाने के कारण ही लंका का नाश हुआ था।''


सबकी नजरों में खटकता रहता है। मानव के जीवन में अनुशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अनुशासन जीवन के हर क्षेत्र में होना चाहिए। एक अनुशासित व्यक्ति ही जीवन के उच्च शिखर को प्राप्त कर सकता है। यदि परिवार की बात ले तो पिता-पुत्र, माता-पुत्री एवं भाई-बहन में भी अनुशासन की बहुत जरूरी है। तभी वह परिवार आगे बढ़ता है।



यदि आपको जीवन में आगे बढ़ना है, तो अनुशासन अपनाए युद्ध के क्षेत्र में अनुशासन, एवं शिक्षा को प्राप्त करने में भी अनुशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अनुशासन के अभाव में युद्ध में हार हो जाती है, बागडोर हाथ से छूटकर निकल जाती है।

खासकर छात्र-छात्राओं के जीवन में अनुशासन का महत्व पूर्ण सहयोग होता है। छात्रों को बचपन से ही अनुशासन का पाठ पढ़ना चाहिए, जब छात्रों में अनुशासन नियमबध्दता आत्मसंयम और ब्रह्मचर्य का पालन होगा, तभी वह छात्र अपने मार्ग में सफल हो सकता है। छात्र-छात्राओं के लिए अनुशासन रहमान के समान है जिन्होंने इस मंथ को मानकर आगे बढा वह सफल हुए।

सबसे बड़ी बात है जो छात्र अनुशासन पूर्ण जीवन व्यतीत करते हैं उनके जीवन में सफलता प्राप्त होती है। 

ऐसे विद्यार्थियों के पास सद्गुण, शिष्टाचार, सर्वगुण, संपन्न वाले माने जाते हैं।


वे संघर्षमय जीवन व्यतीत कर आगे बढ़ते जाते हैं। भारत जैसे प्रजातंत्र देश में अनुशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जो इस अनुशासन का पाठ जीवन में उतार लेता है वह उच्च चरित्रवान, धैर्यवान, साहसी, कर्तव्यपरायण व्यक्ति होकर श्रेष्ठा को प्राप्त करते हैं।

अत: अनुशासन मानव के जीवन के लिए श्रेष्ठ है।

MANOJHINDICLASSES

Popular posts from this blog

निबंध वृक्ष धरा के भूषण

अवकाश हेतु प्रधानाचार्य को पत्र लिखें।

होली पर निबंध। (केवल कक्षा 2 और 3 के लिए)