दीपावली
दीपावली दीपों का त्योहार है। दीपावली खासकर प्रकाश का त्यौहार है। यह हर्ष विनोद का त्यौहार है।प्रत्येक मनुष्य ने ईश्वर से सदैव अंधेरे से उजाले की ओर जाने की प्रार्थना की है :-
"तमसो मा ज्योतिर्गमय "
अर्थात :- हे प्रभु ! हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो। पूरे भारतवर्ष में शरद ऋतु में दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है। या कार्तिक के अमावस्या की रात में मनाया जाता है। इसके 10 दिन पूर्व से लोग घर द्वारों की सफाई करते हैं। मकानों , दुकानों , सड़कों , गलियां की सफाई कर स्वक्ष बनाते हैं। दीपावली का पर्व सुख समृद्धि का त्यौहार है।
दीपावली हमारे देश का बहुत प्राचीन त्यौहार है। कहा जा सकता है कि दीपावली के दिन श्री रामचंद्र जी 14 वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे। इसी खुशी के अवसर पर अयोध्या वासियों ने स्वागत के लिए दीपभालाओं से सजाया था। तभी से दीपावली का त्यौहार प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
दीपावली के दिन गणेश लक्ष्मी की प्रतिमा बैठती है। दुकानदार अपने दुकानों घरों में पूजा पाठ कर मिठाइयां बांटते हैं।
बच्चे बच्चियां घरों को रोशनी से सजाते हैं। दीपक को जलाते , पटाखे छोड़ते और नए-नए कपड़े पहन कर खुशी में मशगूल हो जाते हैं। दीपावली की रात्रि काली मां की निशा पूजा होती है , उसी रात्रि काली बैठ जाती है। सुबह से बच्चे मेले देखने जाते हैं। दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा अर्थात गाय , बैल की पूजा की जाती है। अनेक जगह गाय-बैलों को अलंकृत किया जाता है।
इस प्रकार दीपावली आते ही फसलों की कटाई , बुवाई प्रारंभ हो जाती है। जैसा कि माना जाता है भारत किसानों का देश है प्रत्येक पर्व के साथ किसानों (फसलों) का संबंध जुड़ा हुआ है।
लाभ :- दीपावली के दिन दीपक जलाने से कीड़े मकोड़े जलकर नष्ट हो जाते हैं जहरिले सर्प दूर भाग जाते हैं।
हानि :- दीपावली में खतरनाक पटाखे नहीं छोड़नी चाहिए। वह हमारे शरीर असावधानी के कारण जला देते हैं। धूआ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध होता है।
अतः सावधानी के साथ दीपावली मनानी चाहिए।
प्रस्तुति :- मनोज कुमार पोद्दार