मेरे जीवन का लक्ष्य

                                               मेरे जीवन का लक्ष्य                                       




प्रत्येक मानव के जीवन में एक लक्ष्य होती है। वहीं लक्ष्य ही मानव के जीवन को अपने आगे बढ़ाने मैं मदद करती है । किसी ने ठीक कहा है कि लोग - 
“जिस विद्यार्थी के जीवन में लक्ष्य नहीं होता वह जीवन बिना उद्देश्य का होता है।” 
हम सभी छात्र छात्राओं के जीवन में एक लक्ष्य और उद्देश्य होना चाहिए जो छात्र जैसा उद्देश्य को बना कर चलते हैं वह उस लक्ष्य को प्राप्त कर लेते हैं और मेरा वैसे ही अपने जीवन में सफलता को प्राप्त करते हैं जो निरंतर अपने लक्ष्य का अभ्यास करते रहते हैं। जैसा कि कहां गया है - 
करत-करत अभ्यास जड़मति होत सुजान, रसरी आवत जात ते सिल पर परत निशान 
अर्थात :- बार-बार अभ्यास और परिश्रम करने से हमेंं सफलता मिलती है। हम सभी छात्र-छात्राओं को अपनेे लक्ष्य के अनुसार कार्य करना चाहिए , तभी हम अपनी मंजिल को प्राप्त करने मैं सफल होते हैं। सिर्फ लक्ष्य बनाना ही नहीं वरन उस कार्य के प्रति निरंतर अभ्यास करना जरूरी है। इसके लिए मुझे कठिन परिश्रम और लगन शीलता की जरूरत होती है। छात्रोंं छात्रोंं के जीवन में धैर्य और आत्मविश्वास जगाने की जरूरत होती तभी हम अपने लक्ष्य और अभिलाषा को पूरा जैसा कि कहां गया है- 
A man without an aim is no man                     
अर्थात बिना लक्ष्य बनाए मनुष्य बिना पतवार की नैया के समान समझा जाता है अतः हम सबों को लक्ष्य बनाकर चलना चाहिए तभी मेरी अभिलाषा पूरी हो सकती है। 

                 ‌‌                   ‌‌                      प्रस्तुती - मनोज कुमार पोद्दार

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